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अंधविश्वास

samajik kranti
samajik kranti
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  1. #अंधविश्वास

1. अन्धविश्वासी लोग अपनी स्वतंत्रता नष्ट कर लेते हैं. वो अपनी मर्जी से कोई निर्णय नहीं ले सकते क्योंकि उन्होंने अपने दिमाग को अन्धविश्वास के जेल में बंद कर रखा है. उन्होंने अपनी बुद्धि को अन्धविश्वास के हाथों बेच दिया है नहीं तो वो अपनी जिन्दगी अन्धविश्वास के बिना और प्रसन्नता से गुजार सकते थे।
2. भारत में लोग विश्वास करते हैं कि चेचक देवी माता का प्रकोप है और दवा इत्यादि से आप इसका कुछ नहीं कर सकते| केवल प्रार्थना और कर्मकाण्ड करिए देवी माता की शांति के लिए!
3. बहुत से डाक्टर अपना क्लीनिक गुरुवार को अन्धविश्वास की वजह से बंद रखते हैं. बहुत से डाक्टर और लोग ये सोचते हैं कि गुरुवार को डाक्टर के यहाँ जायेंगे तो दुबारा फिर जाना पड़ेगा! वो चिकित्सा विज्ञान की पढाई करते हैं, शरीर, रोगों तथा उनके इलाज के विषय में जानते हैं परन्तु यह सब उन्हें इस अन्धविश्वास से नहीं बचा पाता कि गुरुवार एक बुरा दिन है।
4. भारत में वैज्ञानिक विज्ञान पर भरोसा नहीं करते बल्कि सफलता के लिए ईश्वर का मुंह ताकते हैं. अशुभ नम्बरों को त्याग दिया जाता है. डाक्टरों को नज़र लगने से डर लगता है. ये लोग साक्षर तो हैं परन्तु शिक्षित नहीं।
5. भारत में अकसर डाक्टर के क्लीनिक के मुख्य दरवाजे पर बुरी नज़र से बचने का प्रतीक चिन्ह देखेंगे. अस्पताल में आप बोर्ड देखेंगे ‘हम सेवा करते हैं, वो ठीक करता है’. कितने ही डाक्टर गुरुवार को काम नहीं करते क्योंकि वो मानते हैं कि ये अच्छा दिन नहीं होता और आपको फिर से डाक्टर के पास जाना पड़ेगा. अन्धविश्वासी लोग दवा और इलाज को भी अन्धविश्वास के घेरे में ले आते हैं।
6. कई खिलाड़ी लोग मानसिक भ्रांतियों पर निर्भर हो जाते हैं. जैसे कि उनकी योग्यता से नहीं बल्कि बस में किसी निश्चित सीट पर बैठने से वो जीतते हैं, या फिर ये दस्ताने उनके लिए भाग्यशाली हैं, जिनसे उन्होंने गेंद को लपका था न कि उनकी बढ़िया नज़र, सही जगह अथवा प्रशिक्षण जो उन्होंने लिया।
7.अन्धविश्वासी लोग खुद पर और अपनी योग्यता पर भरोसा नहीं करते, वो ये नहीं सोचते कि ये पैसा और सफलता उन्हें उनके कार्य और योग्यता से मिला है बल्कि वो यह सोचते हैं कि इसके पीछे कुछ रहस्यमय शक्तियां काम कर रही हैं. निश्चित रूप से यह उनके अन्दर असुरक्षा की भावना उत्पन्न करता है कि पता नहीं कब उनका भाग्य रूठ जाये, इसलिए वो सफलता के लिए अन्धविश्वासी बने रहते हैं।
8.औसत मध्यमवर्गीय व्यक्ति और भी खुश रह सकता है यदि वो अपना जीवन धर्म और अन्धविश्वास के बगैर गुजारे।
9.अन्धविश्वासी व्यक्ति का पूरा जीवन अन्धविश्वास की जकड़ में रहता है. मजेदार बात तो ये है कि उन्हें स्वयं इस बात का अंदाज नहीं होता परन्तु जो अन्धविश्वासी नहीं हैं उन्हें ऐसा लगता है कि ये खिसका हुआ है।
10. कुछ लोग काली बिल्ली को दुर्भाग्यशाली मानने वाले अन्धविश्वास की तो हंसी उड़ाते हैं परन्तु यदि कोई ज्योतिषी उनकी कुण्डली देखकर अशुभ दिन के विषय में चेतावनी दे तो उसे बड़ी गंभीरता से लेते हैं।……..——-अज्ञात

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